करंट अफेयर्स
- August 20, 2021
- Posted by: Sushil Pandey
- Category: Current Affairs Daily News Analysis Present Day in News
आर्ट एंड कल्चर
प्रधानमंत्री ने सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमनाथ, गुजरात में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उद्घाटन की गई परियोजनाओं में सोमनाथ समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण से लेकर उसका भव्य जीर्णोद्धार सदियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और वैचारिक निरंतरता के कारण संभव हुआ है। राजेंद्र प्रसाद जी, सरदार पटेल और केएम मुंशी जैसे महापुरुषों को आजादी के बाद भी इस अभियान के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। लेकिन, अंततः 1950 में सोमनाथ मंदिर आधुनिक भारत के दिव्य स्तंभ के रूप में स्थापित हो गया। देश कठिन समस्याओं के सौहार्दपूर्ण समाधान की ओर बढ़ रहा है। राम मंदिर के रूप में आधुनिक भारत की महिमा का एक उज्ज्वल स्तंभ बनकर सामने आ रहा है।
- राष्ट्र की एकता को मजबूत करने में आध्यात्मिकता की भूमिका का उल्लेख जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री ने पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्षमता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश आधुनिक अवसंरचना का निर्माण कर प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित कर रहा है। उन्होंने रामायण सर्किट का उदाहरण दिया जो राम भक्तों को भगवान राम से संबंधित नए स्थानों से अवगत करा रहा है और उन्हें यह महसूस करा रहा है कि कैसे भगवान राम पूरे भारत के राम हैं।
- इसी तरह बुद्ध सर्किट दुनिया भर के भक्तों को सुविधाएं प्रदान करता है।
- प्रधानमंत्री ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयों पर पर्यटन सर्किट विकसित कर रहा है, जिससे उपेक्षित क्षेत्रों में पर्यटन के अवसर पैदा होंगे।
- केदारनाथ जैसे पहाड़ी इलाकों में विकास, चार धामों के लिए सुरंग और राजमार्ग, वैष्णव देवी में विकास कार्य, पूर्वोत्तर में हाई-टेक बुनियादी ढांचा दूरियां पाट रहे हैं।
- इसी तरह, 2014 में घोषित प्रसाद योजना के तहत 40 प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है, जिनमें से 15 पहले ही पूरे हो चुके हैं।
- गुजरात में 100 करोड़ रुपये से अधिक की तीन परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
- तीर्थ स्थलों को जोड़ने पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश न केवल आम नागरिकों को पर्यटन के माध्यम से जोड़ रहा है बल्कि आगे भी बढ़ रहा है। देश, यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 2013 के 65वें स्थान से 2019 में 34वें स्थान पर पहुंच गया है।
- सोमनाथ प्रोमनेड को प्रसाद (पिलग्रिमेज रेजुवेनेशन एंड स्पिरिचुअल, हेरीटेज ऑगमेंटेशन ड्राइव) योजना के तहत 47 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से विकसित किया गया है।
- ‘पर्यटक सुविधा केंद्र’ के परिसर में विकसित सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र, पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित हिस्सों और पुराने सोमनाथ की नागर शैली के मंदिर वास्तुकला वाली मूर्तियों को प्रदर्शित करता है।पुराने (जूना) सोमनाथ के पुनर्निर्मित मंदिर परिसर को श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा कुल 3.5 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पूरा किया गया है।
- इस मंदिर को अहिल्याबाई मंदिर के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसे इंदौर की रानी अहिल्याबाई द्वारा बनाया गया था। रानी अहिल्याबाई ने पुराने मंदिर को जीर्ण शीर्ण अवस्था में पाने के बाद नया निर्माण कराया था।
- तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और संवर्धित क्षमता के लिए पूरे पुराने मंदिर परिसर का समग्र रूप से पुनर्विकास किया गया है।
- श्री पार्वती मंदिर का निर्माण 30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से किया जाना प्रस्तावित है। इसमें सोमपुरा सलात शैली में मंदिर निर्माण, गर्भगृह और नृत्य मंडप का विकास शामिल है।
अपॉइंटमेंट
अपूर्व चंद
- श्री अपूर्व चंद्र को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है
- श्री अपूर्व चंद्र को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है। वे 1988 बैच के महाराष्ट्र कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी।
- श्री अपूर्व चंद्र इस समय श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे पिछले एक साल से अधिक समय से सूचना एवं प्रसारण सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।
इंडियन पॉलिटी
राष्ट्रपति ने संविधान के एक सौ पांचवें संशोधन अधिनियम को मंजूरी दी
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक सौ पांचवें संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी है। यह अधिनियम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान उल्लिखित करने के लिए राज्य सरकारों की शक्ति को बहाल करता है। कानून और न्याय मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की थी।
- हाल ही में सम्पन्न मानसून सत्र में संसद ने 11 अगस्त को एक सौ सत्ताईसवां संविधान संशोधन विधेयक 2021 पारित किया था। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा था कि फिर से संख्या अंकित करने के बाद यह विधेयक 105वां संविधान संशोधन विधेयक माना जाएगा।
- राष्ट्रपति ने सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन अधिनियम, 2021 को भी स्वीकृति दे दी है। इस विधेयक को लोकसभा ने 3 अगस्त को और राज्यसभा ने 11 अगस्त को पारित किया था।
इंटरनेशनल
जी-7 देशों ने तालिबान से अफगानिस्तान में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना वायदा निभाने को कहा
- जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों ने अफगानिस्तान में मौजूदा संकट को और बढ़ने से रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने का आह्वान किया है।
- ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कल जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों तथा यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता के बाद बताया कि जी-7 देशों ने तालिबान से अफगानिस्तान छोड़कर जाने वाले विदेशी तथा अफगान नागरिकों को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने की गारंटी देने को कहा है। उन्होंने बताया कि काबुल एयरपोर्ट से लोगों को निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
- जी-7 देशों में ब्रिटेन के अलावा अमरीका, इटली, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा शामिल हैं। इन देशों ने तालिबान से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहने के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में हिंसक घटनाओं की खबरों पर भी चिंता व्यक्त की।
विश्व जनसँख्या और चीन
तीन बच्चों की नीति
चीन की राष्ट्रीय विधायिका ने औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा प्रस्तावित तीन बच्चों की नीति का समर्थन किया।
मुख्य बिंदु
- चीनी अधिकारियों के अनुसार, तीन दशकों से अधिक समय से लागू की गई एक बच्चे की नीति ने लगभग 400 मिलियन जन्मों को रोका है।
- तीन बच्चों की नीति एक प्रमुख नीतिगत बदलाव है जिसका उद्देश्य दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश (चीन) में जन्म दर में भारी गिरावट को रोकना है।
- यह संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देता है। इसे नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) की स्थायी समिति द्वारा पारित किया गया था।
पृष्ठभूमि
- मई 2021 में, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) ने सख्त दो बच्चों की नीति में ढील को मंजूरी दी और सभी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी।
दो बच्चों की नीति
- चीन ने दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को खत्म करके 2016 में सभी जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी थी।
- इस नीति को चीन में नीति निर्माताओं द्वारा जनसांख्यिकीय संकट माना जाता है।
- एक बच्चे की नीति तीन दशकों से अधिक समय से लागू थी जिसने 400 मिलियन से अधिक जन्मों को रोका है।
तीन बच्चों की नीति को क्यों मंजूरी दी गई?
- यह निर्णय जनगणना के आंकड़ों के बाद लिया गया था, जिसमें दिखाया गया था कि चीन में जनसंख्या सबसे धीमी गति से बढ़कर 1.412 बिलियन हो गई है।
- नए जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, जनसांख्यिकीय संकट गहराने की उम्मीद थी क्योंकि 60 साल से ऊपर के लोगों की आबादी 18.7% बढ़कर 264 मिलियन हो गई है।
- आने वाले समय में चीन में काम करने वाली जनसँख्या के मुकाबले वृद्ध लोगों की जनसँख्या अधिक हो जाएगी, जिससे चीन में श्रम बल का अभाव होगा जो चीन की अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचा सकता है।
विज्ञानं और प्रौद्योगिकी
रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट डेटा शेयरिंग में सहयोग पर ब्रिक्स देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किये
ब्रिक्स राष्ट्र- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने रिमोट सेंसिंग उपग्रह डेटा साझाकरण में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य बिंदु
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, यह सौदा ब्रिक्स राष्ट्र की अंतरिक्ष एजेंसियों को निर्दिष्ट रिमोट सेंसिंग उपग्रहों का एक वर्चुअल समूह बनाने में सक्षम करेगा, जिसके माध्यम से ग्राउंड स्टेशनों को डेटा प्राप्त होगा।
ब्रिक्स
- ब्रिक्स राष्ट्र प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं जो क्षेत्रीय मामलों पर अपने महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए जानी जाती हैं। ब्रिक्स के सदस्य देशों 2009 से औपचारिक शिखर सम्मेलनों में हिस्सा ले रहे हैं।
- 12वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन नवीनतम संस्करण था जिसकी मेजबानी रूस ने 17 नवंबर, 2020 को वर्चुअली की थी।
ब्रिक्स का इतिहास
मूल रूप से, (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) का एक समूह था। 2010 में दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक्स में जोड़ा गया था।
ब्रिक्स का हिस्सा
ब्रिक्स राष्ट्रों का कुल क्षेत्रफल 39,746,220 वर्ग किमी है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 3.21 बिलियन है। क्षेत्रफल विश्व की भूमि की सतह का 26.656% है जबकि जनसंख्या विश्व जनसंख्या का 41.53% है।