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करंट अफेयर्स
- September 2, 2021
- Posted by: Sushil Pandey
- Category: Current Affairs Present Day in News
विश्व नारियल दिवस
प्रत्येक वर्ष नारियल दिवस 02 सितम्बर को मनाया जाता है
एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तत्वावधान में स्थापित, नारियल उत्पादक देशों के अंतर शासकीय संगठन इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी के स्थापना दिवस के स्मरणोत्सव में विश्व नारियल दिवस मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- नारियल उत्पादन में उत्पादन भारत विश्व में तीसरे स्थान पर हैं।
- 2020-21 के दौरान देश में नारियल का उत्पादन 21207 मिलियन नट रहा, जो वैश्विक उत्पादन का 34 प्रतिशत है।
- नारियल उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 9687 नट है, जो विश्व में सर्वाधिक है।
- नारियल के नए उत्पाद व उद्योग बढ़ रहे है, जिससे किसानों को रोज़गार मिल रहा हैं।
विश्व नारियल दिवस समारोह के लिए विषय
इस वर्ष 23वें विश्व नारियल दिवस समारोह के लिए विषय है- ‘कोविड-19 महामारी के बीच व उसके उपरांत सुरक्षित, समावेशी, सुदृढ़ और सुस्थिर नारियल समुदाय का विनिर्माण’।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के 16वें सतत विकास सम्मेलन
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के 16वें सतत विकास सम्मेलन को केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया संबोधित
मुख्य बिंदु
- कि प्रधानमंत्री जी ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम प्रारंभ की है, जो फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य उद्योगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।
- एक लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया है, जिसके जरिये प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा रहे हैं। चार हजार करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स मंजूर हो चुके हैं।
- देश में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन केंद्र की नई योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिसका काम प्रारंभ हो चुका है, जिससे किसानों को काफी सहायता मिलेगी, बेहतर बाजार मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी।
5 सितंबर से 17 सितंबर, 2021 तक शिक्षक पर्व 2021 का आयोजन होगा
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद 5 सितंबर, 2021 को वर्चुअल माध्यम से 44 पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। 44 पुरस्कृत शिक्षकों में हरेक पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
वर्ष 1958 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी।
मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 7 सितंबर, 2021 को पूर्वाह्न 11 बजे शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और हितधारकों को संबोधित करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री, विभाग की पांच पहलों का शुभारम्भ करेंगे, जिनमें 10,000 शब्दों का भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोष, टाकिंग बुक्स (नेत्रहीनों के लिए ऑडियो बुक), सीबीएसई का स्कूल क्वालिटी एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन फ्रेमवर्क (एसक्यूएएएफ), निपुण भारत के लिए निष्ठा टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम और विद्यांजलि पोर्टल (स्कूल विकास के लिए शिक्षा
ब्ल्यू स्ट्रैग्लर
ब्ल्यू स्ट्रैग्लर – विशाल और नीला तारा तब बनता है जब एक तारा दूसरे तारे को निगल जाए
ब्लू स्ट्रैगलर्स खुले या गोलाकार समूहों में सितारों का एक ऐसा वर्ग जो अलग ही दिखाई देते हैं क्योंकि वे बाकी सितारों की तुलना में अपेक्षाकृत बड़े और नीले रंग के होते हैंI ये उन वैज्ञानिकों को चिंतित करते हैं जिन्होंने लंबे समय से इन तारों की उत्पत्ति का अध्ययन किया है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- ब्लू स्ट्रैगलर का पहला व्यापक विश्लेषण करते हुए भारतीय शोधकर्ताओं ने पाया है कि उनके द्वारा देखे गए नमूनों में से आधे ब्ल्यू (नीले) स्ट्रैग्लर एक करीबी द्वि-ध्रुवीय (बाइनरी) साथी तारे से बड़े पैमाने पर द्रव्य स्थानांतरण के माध्यम से बनते हैंI एक तिहाई संभावित रूप से 2 सितारों के बीच टकराव के माध्यम से बनते हैं तथा शेष 2 से अधिक तारों की परस्पर क्रिया से बनते हैं।
- तारा मंडल में विद्यमान एक ही बादल से एक ही निश्चित अवधि में जन्मे तारों का कोई एक समूह अलग से दूसरा समूह बना लेता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, प्रत्येक तारा अपने द्रव्यमान के आधार पर अलग-अलग विकसित होने लगता है। इनमें सबसे विशाल और चमकीले तारे विकसित होने के बाद मुख्य अनुक्रम से हट जाते हैं, जिससे उनके मार्ग में एक ऐसा विपथन आ जाता है जिसे टर्नऑफ़ के रूप में जाना जाता है। इस मार्ग परिवर्तन के बाहर की परिधि में जा चुके गर्म और चमकीले तारों के फिर उसी समूह में बने रहने की अपेक्षा नहीं की जाती है, क्योंकि इसके बाद वे लाल दानव बनने के लिए मुख्य धारा को छोड़ देते हैं।
- लेकिन 1953 में, एलन सैंडेज ने पाया कि कुछ सितारे मूल समूह (पेरेंट क्लस्टर) के टर्नऑफ़ की तुलना में अधिक गर्म लगते हैं। प्रारंभ में टर्न ऑफ़ के ऊपर और आसपास ही मंडरा रहे ये नीले तारे इन समूहों का हिस्सा नहीं थे। हालांकि बाद में हुए अध्ययनों ने यह पुष्टि की कि ये सितारे वास्तव में उसी क्लस्टर के सदस्य हैं और तब उन्हें “ब्लू स्ट्रैगलर्स” कहा गया। ऐसे समूहों में इन सितारों के अभी भी मौजूद होने का एकमात्र तरीका यह हो सकता है कि उन्होंने संभवतः मुख्यधारा में रहते हुए ही रास्ते में किसी तरह से अतिरिक्त द्रव्यमान प्राप्त कर लिया हो। इस प्रकार अतिरिक्त द्रव्यमान हासिल कर लेने की प्रणाली की पुष्टि करने के लिए नीले-स्ट्रैगलर सितारों के एक बड़े नमूने और उनके द्वारा प्राप्त द्रव्यमान के अनुमानों का उपयोग करके एक समग्र अध्ययन की आवश्यकता होती है।
- भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स –आईआईए के विक्रांत जाधव और उनके पीएचडी पर्यवेक्षक, अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने 2013 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रक्षेपित (लॉन्च) किए गए गैया टेलीस्कोप का उपयोग अपनी उत्कृष्ट स्थिति सटीकता के साथ समूहों में ब्लू स्ट्रैगलर का चयन करने और यह समझने के लिए किया था कि अभी ऐसे कितने सितारे हैं, कहां पर हैं और कैसे बनते हैं?
- उन्होंने पाया कि जिन समूहों को उन्होंने देखा और स्कैन किया उन 868 में से कुल 228 ब्लू स्ट्रैगलर्स हैं।
- ब्लू स्ट्रैगलर का यह पहला व्यापक विश्लेषण रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
- इससे पता चला कि ये तारे मुख्य रूप से पुराने और बड़े तारा समूहों में ही मौजूद हैं और उनके अधिक द्रव्यमान के कारण वे समूहों के केंद्र की ओर अलग कर दिए गए हैं। शोधकर्ताओं ने नीले स्ट्रैगलर्स के द्रव्यमान की तुलना उन टर्नऑफ सितारों के द्रव्यमान से की जो क्लस्टर में सबसे बड़े पैमाने पर ‘सामान्य’ सितारे हैंI साथ ही उन्होंने इनके संभावित निर्माण तंत्र का भी पूर्वानुमान लगाया ।
- इस कार्य का नेतृत्व करने वाले शोष छात्र विक्रांत जाधव ने कहा, “कुल मिलाकर, हमने पाया कि 54% से अधिक ब्लू स्ट्रैगलर एक करीबी द्वि-ध्रुवीय (बाइनरी) साथी सितारे से बड़े पैमाने पर द्रव्यमान स्थानांतरण के माध्यम से बनते हैं और 30% ब्लू स्ट्रैगलर आपसी टकराव के माध्यम से बनते हैं। शेष 2 सितारों की दिलचस्प बात यह है कि 10 -16 % ब्लू स्ट्रगलर दो से अधिक सितारों की परस्पर क्रिया के माध्यम से बनते हैं”।
- यह अध्ययन विभिन्न आकाशगंगाओं सहित बड़ी तारकीय आबादी के अध्ययन में रोमांचक परिणामों को उजागर करने के साथ ही इन तारकीय प्रणालियों (स्टेलर सिस्टम्स) की जानकारी की समझ में और सुधार लाने में सहायक बनेगा। इन निष्कर्षों के बाद, शोधकर्ता तारकीय गुणों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में अलग-अलग ब्लू स्ट्रैगलर का विस्तृत विश्लेषण कर रहे हैं। इसके अलावा, इस अध्ययन में पहचाने गए दिलचस्प समूहों और ब्लू स्ट्रैगलरर्स का अनुसरण भारत की पहली समर्पित अंतरिक्ष वेधशाला, एस्ट्रोसैट पर पराबैंगनी इमेजिंग (अल्ट्रा-वायलेट इमेजिंग) टेलीस्कोप के साथ-साथ नैनीताल स्थित 3.6 मीटर के देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप के साथ किया जाएगा।
सिक्किम, दादरा और नगर हवेली तथा हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को पहली डोज शत-प्रतिशत
सरकार ने कहा है कि सिक्किम, दादरा और नागर हवेली तथा हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर आयु के सभी लोगों को कोविड के टीके की पहली डोज लग चुकी है।
बांग्लादेश में भारत के उच्चायोग ने ढाका में आज वर्षभर के सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया
- बांग्लादेश में भारत के उच्चायोग ने वहां के सूचना, संचार तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय और महिला तथा ई-वाणिज्य और सिल्कओक ग्लोबल लिमिटेड के साथ मिलकर ढाका में आज वर्षभर के सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बांग्लादेश की महिला उद्यमियों में संचार कौशल और प्रस्तुति कौशल के साथ-साथ उनके व्यापार के प्रयासों में मदद के लिए अन्य सॉफ्ट स्किल विकसित करेगा।
- इसका उद्घाटन बांग्लादेश के सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक और बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने मिलकर किया
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन उच्च गुणवत्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए सम्मानित
- चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को यात्रियों को उच्च गुणवत्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए फाइव स्टार ईट राइट स्टेशन प्रमाणन से सम्मानित किया गया है। यह प्रमाणन एफ.एस.एस.ए.आई. द्वारा रेलवे स्टेशनों को दिया जाता है, जो यात्रियों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मानक स्थापित करते हैं।
- यह सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित, स्वास्थ्यवर्धक भोजन सुनिश्चित करने के लिए देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिए एफ.एस.एस.ए.आई. के ईट राइट इंडिया आंदोलन का हिस्सा है।
- यह रेटिंग यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए स्टेशनों द्वारा अनुकरणीय प्रयासों को दर्शाता है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन यह मान्यता पाने वाला भारत का पांचवां स्टेशन बन गया है। यह प्रमाणन पाने वाले अन्य रेलवे स्टेशन आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन और वडोदरा रेलवे स्टेशन हैं।
- भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड को ग्राहक का अनुभव बढ़ाने और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए के.एस.आर. बेंगलुरु, पुणे, आनंद विहार, चंडीगढ़ और सिकंदराबाद रेलवे स्टेशनों पर सुविधा प्रबंधन का कार्य दिया गया है। इस तरह की सुविधा 90 और स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जाएगी।