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PIB WEEKLY UPDATES FOR UPSC|CSE EXAM-2023
- October 29, 2022
- Posted by: Sushil Pandey
- Category: Uncategorized
PIB WEEKLY FROM OCT 23 TO OCT 29
‘आयुष उत्सव‘
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कश्मीर में ‘आयुष उत्सव’ का उद्घाटन किया
गरुड़-VII अभ्यास
- भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) दिनांक 26 अक्टूबर से 12 नवंबर, 2022 तक जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर ‘गरुड़ VIl’ नामक एक द्विपक्षीय अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
- इस अभ्यास में एफएएसएफ चार राफेल लड़ाकू विमान, एक A-330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) विमान और 220 कर्मियों की एक टुकड़ी के साथ भाग लेगा।
- भारतीय वायुसेना सू-30 एमकेआई, राफेल, एलसीए तेजस और जगुआर लड़ाकू विमानों के साथ-साथ लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के साथ भाग ले रही है।
- भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, एवाक्स और एईडब्ल्यू एंड सी जैसे लड़ाकू और सक्षम सैन्य साजोसामान भी शामिल होंगे। यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ सैन्य अभियानगत क्षमता और अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
- यह द्विपक्षीय अभ्यास का सातवां संस्करण है।
- पहला, तीसरा और पांचवां संस्करण भारत में क्रमशः 2003, 2006 और 2014 में वायु सेना स्टेशनों ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था ।
- दूसरा, चौथा और छठा संस्करण फ्रांस में 2005, 2010 और 2019 में आयोजित किया गया था।
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना और एफएएसएफ की भागीदारी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा पेशेवर बातचीत, अनुभवों के आदान-प्रदान और परिचालन संबंधी ज्ञान में वृद्धि को प्रोत्साहन देगी।
नौसेना का द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘सिम्बेक्स‘-2022
- भारतीय नौसेना विशाखापत्तनम में 26 से 30 अक्टूबर, 2022 तक सिंगापुर-भारत द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास (सिम्बेक्स) के 29वें संस्करण की मेजबानी कर रही है।
- सिम्बेक्स-2022 दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है।
- पहले चरण में विशाखापत्तनम में बंदरगाह पर तटीय अभ्यास 26 से 27 अक्टूबर 2022 तक आयोजित किया गया।
- इसके बाद 28 से 30 अक्टूबर 2022 तक बंगाल की खाड़ी में समुद्री चरण का अभ्यास किया जा रहा है।
- सिंगापुर गणराज्य नौसेना के दो पोत आरएसएस स्टालवार्ट (फॉर्मेडेबल श्रेणी का एक युद्धपोत) और आरएसएस विजिलेंस (विक्ट्री श्रेणी की एक नौका) अभ्यास में भाग लेने के लिए 25 अक्टूबर 2022 को विशाखापत्तनम पहुंचे थे।
- सिंगापुर गणराज्य नौसेना के फ्लीट कमांडर रियर एडमिरल सीन वाट जियानवेन ने 25 अक्टूबर 2022 को पूर्वी नौसेना कमान के कमांडिंग-इन-चीफ, फ्लैग ऑफिसर वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय भल्ला से मुलाकात की।
- बंदरगाह चरण के अभ्यास में दोनों नौसेनाओं के बीच व्यापक स्तर पर पेशेवर तथा नौसैन्य गतिविधियों से संबंधी सहभागिता की गई।
- इस दौरान क्रॉस डेक विज़िट, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज (एसएमईई) और बैठक की कार्य योजना बनाने जैसे कार्य किये गए हैं।
- अभ्यास की सिम्बेक्स श्रृंखला वर्ष 1994 में शुरू हुई थी।
- प्रारंभ में इसे एक्सरसाइज लायन किंग के नाम में जाना जाता था।
- पिछले दो दशकों में इस नौसैनिक अभ्यास का दायरा और व्यापकता काफी हद तक बढ़ चुके हैं।
- इसमें नौसैन्य संचालन के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करने वाले उन्नत समुद्री नौसैनिक अभ्यास भी शामिल हैं।
- यह अभ्यास समुद्री इलाके में भारत और सिंगापुर के बीच उच्च स्तर के सहयोग का एक उदाहरण है।
- यह हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में दोनों देशों की प्रतिबद्धता तथा योगदान को भी विस्तार देता है।
फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0 का आयोजन
- राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय द्वारा फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0 का आयोजन
- आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में, राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, नई दिल्ली और इसके क्षेत्रीय केंदों – मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर तथा सवाई माधोपुर “आजादी के 75 साल, फिटनेस रहे बेमिसाल” विषय पर “फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0” का आयोजन कर रहा है।
- इस दौड़ में संग्रहालय-कर्मियों और स्कूली बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसका उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए लोगों में पैदल चलने और दौड़ने की आदत डालना है।
- फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0 अभियान गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2022 को शुरू हुआ और यह 31 अक्टूबर 2022 को गुजरात के केवड़िया में एकता दौड़ के साथ समाप्त होगा।
- राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, नई दिल्ली; पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का एक अधीनस्थ कार्यालय है, जो बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ आम लोगों के बीच पर्यावरण जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित है।
चीता जागरूकता कार्यक्रम
- राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला नई दिल्ली का राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच) जनता के बीच और खासकर बच्चों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित संस्था है।
- एनएमएनएच, नई दिल्ली अपने क्षेत्रीय संग्रहालयों मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर और सवाई माधोपुर के साथ एक चीता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह एक महीने भर चलने वाला विशेष अभियान है जो 02.10.2022 से शुरू हुआ है, जो कि वन्यजीव सप्ताह का पहला दिन भी होता है, और ये 31.10.2022 तक जारी रहेगा।
आसियान–भारत स्टार्ट–अप महोत्सव 2022
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. श्रीवरी चंद्रशेखर ने आसियान आर्थिक समुदाय के उप महासचिव श्री सतविंदर सिंह तथा आसियान के लिए भारतीय मिशन (आईएमए) के राजदूत श्री जयंत खोबरागड़े की उपस्थिति में 27 अक्टूबर, 2022 को बोगोर, इंडोनेशिया में पहले आसियान-भारत स्टार्ट-अप महोत्सव (एआईएसएफ) का उद्घाटन किया।
- आसियान आर्थिक समुदाय के उप महासचिव सतविंदर सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आसियान में जीवंत और आशान्वित करने वाला एक स्टार्टअप इकोसिस्टम मौजूद है।
- पिछले साल आसियान में 25 नए यूनिकॉर्न बने
- जिनका संयुक्त मूल्य 55.4 बिलियन डॉलर है।
- इंडोनेशिया रिसर्च एंड इनोवेशन एक्सपो (आईएनए-आरआईई) के संयोजन में इस चार दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 27 से 30 अक्टूबर, 2022 तक इनोवेशन कन्वेंशन सेंटर, सिबिनॉन्ग बोगोर, इंडोनेशिया में किया जा रहा है। एआईएसएफ, आसियान-भारत राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का हिस्सा है।
- चार मुख्य आयोजनों — स्टार्टअप प्रदर्शनी; संगोष्ठी और टॉक शो; जी2जी बैठक और बी2बी बैठक के साथ स्टार्टअप पिच बैटल के समन्वय के द्वारा सरकारी अधिकारियों, स्टार्टअप्स, शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयों, आविष्कारकों व नवोन्मेषियों और अन्य वित्तीय संस्थानों को एक साथ लाया गया है।
- महोत्सव ने राष्ट्रीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को वैश्विक नेटवर्क में विस्तार करने के लिए एक मंच प्रदान किया, जिसका उद्देश्य समग्र विकास के लिए सहयोग प्रदान करना और अधिक अवसरों का सृजन करना है।
- यह महोत्सव आसियान देशों और भारत के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देता है और इसे सशक्त बनाता है।
वर्ष 2021-22 के लिए बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय/विभाग, भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है।
इसके अनुसार, 28.08 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 342.33 मिलियन टन उत्पादन होने का अनुमान है,
वर्ष 2021-22 (तीसरा अग्रिम अनुमान)
- वर्ष 2021-22 में कुल बागवानी उत्पादन 342.33 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो वर्ष 2020-21 (अंतिम) की तुलना में लगभग 7.73 मिलियन टन (2.3% की वृद्धि) की वृद्धि दर्शाता है।
- 2020-21 में फलों का उत्पादन 102.48 मिलियन टन की तुलना में 107.24 मिलियन टन होने का अनुमान है।
- 2020-21 में सब्जियों का उत्पादन 200.45 मिलियन टन की तुलना में 204.84 मिलियन टन होने का अनुमान
- वर्ष 2020-21 में प्याज का उत्पादन 26.64 मिलियन टन के मुकाबले 31.27 मिलियन टन होने का अनुमान है।
- 2020-21 में आलू का उत्पादन 56.17 मिलियन टन की तुलना में 53.39 मिलियन टन होने का अनुमान है।
- 2020-21 में टमाटर का उत्पादन 21.18 मिलियन टन की तुलना में 20.33 मिलियन टन होने का अनुमान है।
ओवरहॉसर मैग्नेटोमीटर
- भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ओवरहॉसर मैग्नेटोमीटर विकसित किया है, जो दुनिया भर की सभी चुंबकीय वेधशालाओं द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ऐसे सबसे अच्छे मैग्नेटोमीटर में से एक है, जो भू-चुंबकीय सैंपलिंग के लिए आवश्यक सैंपलिंग और संवेदन (सेंसिंग) प्रयोगों की लागत को कम करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
- अलीबाग चुंबकीय वेधशाला (एमओ) में स्थापित सेंसर भू-चुंबकीय क्षेत्र मापन के लिए वाणिज्यिक ओवीएच मैग्नेटोमीटर के बारे में भारत की निर्भरता का समाधान कर सकता है।
- ओवीएच मैग्नेटोमीटर अपनी उच्च सटीकता, उच्च संवेदनशीलता और कुशल विद्युत खपत के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन्होंने पूरी दुनिया के साथ-साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए सभी चुंबकीय वेधशालाओं में अनुप्रयोग प्राप्त किये हैं।
- अब तक भारत में ऐसे उद्देश्यों के लिए इनका आयात किया जाता रहा है।
- आयात पर निर्भरता कम करने के लिए, भारत सरकार के डीएसटी के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान (आईआईजी) ने अपने प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मैग्नेटोमीटर विकसित किया है।
- आईआईजी के इंस्ट्रूमेंटेशन प्रभाग की एक टीम ने ओवीएच सेंसर के कार्य को समझने के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक उपकरणों और सैद्धांतिक सिमुलेशन का उपयोग किया है।
- इस टीम ने आगे विभिन्न नियंत्रण प्रयोग किए हैं जिनमें सेंसर संरचना को बदलना और सेंसर के प्रदर्शन की जांच करना शामिल है। इससे इन्हें सेंसर पैरामीटर्स और उससे जुड़े इलेक्ट्रॉनिक्स को अनुकूल बनाने में मदद मिली, जिससे कारण एक बहुत ही कुशल और स्थिर ओवीएच सेंसर का निर्माण हुआ।
- जियोमैग्नेटिक सैंपलिंग के लिए अलीबाग चुंबकीय वेधशाला (एमओ) में स्थापित सेंसर के साथ किए गए प्रयोगों में यह पाया गया कि इस सेंसर ने ‘जियोमैग्नेटिक डायरनल वेरिएशन’ को सटीक रूप से दोबारा प्रस्तुत किया और विभिन्न अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं जैसे कि जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म, अचानक आवेग आदि के संकेत दर्शाए।
- इस स्वदेश निर्मित मैग्नेटोमीटर का कार्य प्रदर्शन एक वाणिज्यिक ओवीएच सेंसर के समान है, जो वर्तमान में आईआईजी की चुंबकीय वेधशालाओं में स्थापित है।
- इस सेंसर का वर्तमान में इसकी दीर्घकालिक स्थिरता के लिए परीक्षण किया जा रहा है।
- मौजूदा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की सहायता करने के लिए बाहरी अंतरिक्ष माहौल के लिए अपने सेंसर को अनुकूल बनाने के बारे में यह समूह बहुत उत्साहित है।
- इसके अलावा इस समूह को लगता है कि इस परियोजना की समझ, विशेष रूप से गतिशील परमाणु ध्रुवीकरण (डीएनपी) की अंतर्निहित प्रणाली, एक संवेदनशील चुंबकीय रिजोनेस इमेजिंग (एमआरआई) उपकरण को विकसित करने में भी संभावित सहायता प्रदान करेगी।
‘ब्लू बीच‘
- ‘ब्लू बीच’ की सूची में शुमार हुए दो और भारतीय समुद्र तट
- भारत में अब 12 ब्लू फ्लैग समुद्र तट हैं, दुनिया के सबसे स्वच्छ समुद्र तटों को दिया जाता है यह इको-लेबल
- ब्लू बीच समाज को गौरवान्वित और पर्यटन को आकर्षित करते हैं
- संसाधनों के व्यापक प्रबंधन के जरिए अतिप्राचीन तटीय और समुद्री पारिस्थितिकीय तंत्र के रक्षण और संरक्षण की भारत की प्रतिबद्धता की एक बार फिर से सराहना करते हुए लक्षद्वीप स्थित उसके दो नए समुद्र तटों – मिनिकॉय थुंडी तट और कदमत तट को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल “ब्लू फ्लैग” प्रदान किया गया है। इसके साथ ही भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणन के तहत प्रमाणित समुद्र तटों की संख्या बारह (12) हो गई है।
थुंडी बीच
- थुंडी बीच लक्षद्वीप द्वीपसमूह के सबसे प्राचीन और मनोरम समुद्र तटों में से एक है।
- यहां पर बिछी सफेद रेत, खाड़ी या लैगून के फ़िरोज़ा नीले पानी से घिरी है।
- यह तैराकों और पर्यटकों दोनों के ही लिए स्वर्ग के समान है। कदमत तट विशेष रूप से क्रूज पर्यटकों में लोकप्रिय है, जो वॉटर स्पोर्ट्स के लिए इस द्वीप पर आते हैं।
- सफेद मोतियों सी रेत, खाड़ी का नीला पानी, मध्यम जलवायु और मैत्रीपूर्ण स्थानीय लोगों वाला यह तट प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।
- दोनों तटों पर साफ-सफाई और रखरखाव; तथा तैराकों की रक्षा और सुरक्षा के लिए नामित कर्मचारी हैं।
- दोनों समुद्र तट फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (एफईई) द्वारा अधिदेशित समस्त 33 मानदंडों का अनुपालन करते हैं।
ब्लू बीच में शामिल अन्य भारतीय समुद्र तट
ब्लू बीच में शामिल अन्य भारतीय समुद्र तटों में – शिवराजपुर-गुजरात, घोघला-दीव, कासरकोड और पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड-केरल, रुशिकोंडा- आंध्र प्रदेश, गोल्डन-ओडिशा, राधानगर- अंडमान और निकोबार, तमिलनाडु में कोवलम और पुडुचेरी में ईडन शामिल हैं।
पृष्ठभूमि:
- डेनमार्क की फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (एफईई) की ओर से वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल-ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया जाता है।
- इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की पात्रता हासिल करने के लिए, कड़े पर्यावरण, शैक्षिक, सुरक्षा-संबंधी और पहुंच-संबंधी मानदंडों की एक श्रृंखला को पूरा करना चाहिए और उन्हें बरकरार रखा जाना चाहिए।
- ब्लू फ्लैग का मिशन पर्यावरणीय शिक्षा, पर्यावरणीय संरक्षण और अन्य चिरस्थायी विकास पद्धतियों के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र में निरंतरता को बढ़ावा देना है
नई गैर–भूकंप–प्रतिरोधी भवन रेट्रोफिट तकनीक
- शोधकर्ताओं ने पुरानी गैर-भूकंप-प्रतिरोधी भवनों को एक ऐसी तकनीक के साथ रेट्रोफिटिंग करने का एक समाधान खोजा है जो ऐसी इमारतों को भूकंप से उनकी क्षमता से समझौता किए बिना बड़ी क्षतियों को रोक सकती है।
- अर्ध-सीमित अप्रतिबंधित ईंट चिनाई या प्रबलित ईंट चिनाई (एससी-यूआरबीएम) में अर्ध-सीमित नामक एक तकनीक भूकंपीय झुकाव वाले क्षेत्रों में बसावट फैलाव की समस्या को हल कर सकती है जिसमें संरचनाएं शामिल हैं जिनका निर्माण भूकंप रोकथाम भवन कोड का पालन किए बिना किया जाता है।
7वां आयुर्वेद दिवस
- आयुष क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आयुष मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
- आयुष मंत्रालय के ‘आई सपोर्ट आयुर्वेद’ अभियान को 1.7 करोड़ से अधिक लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ