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करंट अफेयर्स
- August 25, 2021
- Posted by: Sushil Pandey
- Category: Current Affairs Present Day in News
डिफेन्स
भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास
- भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास 30 अगस्त 2021 से
- कजाकिस्तान के साथ बढ़ रहे रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और सैन्य कूटनीति के एक हिस्से के रूप में ‘भारत-कजाकिस्तान संयुक्त प्रशिक्षण प्रयास का 5वां संस्करण’ ट्रेनिंग नोड, आइशा बीबी, कजाकिस्तान में 30 अगस्त से 11 सितम्बर, 2021 तक आयोजित किया जाएगा।
- यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास है जो भारत और कजाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा।
- इस अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व बिहार रेजिमेंट की एक बटालियन करेगी, जिसमें एक टुकड़ी कमांडर की अगुवाई में कुल 90 सैन्य कर्मी शामिल हैं और कजाकिस्तान सेना का एक प्रतिनिधित्व एक कंपनी समूह द्वारा किया जाएगा।
- यह सैन्य अभ्यास भारत और कजाकिस्तान के सशस्त्र बलों को संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत पहाड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में उग्रवाद और आतंकवाद निरोधी अभियानों में दक्ष करने का एक अवसर प्रदान करेगा।
- इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पेशेवर रणनीतिक कौशल, उप इकाई स्तर पर आतंकवाद विरोधी माहौल में अभियानों की योजना और उनके क्रियान्वयन, हथियार चलाने संबंधी कौशल और आतंकवाद तथा उग्रवाद संबंधी अभियानों के अनुभवों को साझा किया जाएगा।
- यह सैन्य अभ्यास 48 घंटों के दीर्घकालीन अभ्यास के समापन के बाद समाप्त होगा, जिसमें आतंकवादियों के अर्धग्रामीण ठिकाने को नष्ट करने का परिदृश्य शामिल होगा।
- इस सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को बढ़ावा मिलेगा और अंतर संचालन तथा बेहतर विधियों को अपनाने में सक्षम होने का अवसर मिलेगा।
इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने UNESCAP के आपदा, जलवायु और स्वास्थ्य से संबंधित मंत्रालयी पैनल की क्षेत्रीय परिचर्चा में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए भाग लिया
- विगत छ: वर्षों से भारत, सार्क, बिमस्टेक, शंघाई सहयोग संगठन, इंडियन ओशन रिम एसोसियशन, फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आईलैंड कार्पोरेशन और अन्य संगठनों जैसे फ्रेमवर्क के बीच आपदा जोखिम कम करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग को निरंतर बढ़ावा दे रहा है
- केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने आज संयुक्त राष्ट्र के एशिया और पेसेफिक के लिए आर्थिक व सामाजिक आयोग (UNESCAP) के आपदा, जलवायु और स्वास्थ्य से संबंधित मंत्रालयी पैनल की क्षेत्रीय परिचर्चा में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए भाग लिया।
- परिचर्चा में आस्ट्रेलिया, चीन, इंडोनेशिया, जापान, मालदीव, पापुआ न्यू गिनी और थाइलैंड के मंत्री भी शामिल हुए।
- केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर, भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर, 2019 को यू.एन. क्लाइमेट एक्शन समिट में वैश्विक आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना समूह की घोषणा की।
इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन
एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग
- संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (ईएससीएपी) संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के अधिकार क्षेत्र के तहत पांच क्षेत्रीय आयोगों में से एक है। यह एशिया और सुदूर पूर्व में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के साथ-साथ इस क्षेत्र और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था।
- आयोग 53 सदस्य राज्यों और नौ सहयोगी सदस्यों से बना है, जो ज्यादातर एशिया और प्रशांत क्षेत्रों से हैं। एशिया और प्रशांत के देशों के अलावा, आयोग के सदस्यों में फ्रांस, नीदरलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- आयोग द्वारा कवर किया गया क्षेत्र 4.1 बिलियन लोगों या दुनिया की दो-तिहाई आबादी का घर है, जिससे ESCAP संयुक्त राष्ट्र के पांच क्षेत्रीय आयोगों में सबसे व्यापक है।
- आयोग को पहली बार आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा 28 मार्च 1947 को एशिया और सुदूर पूर्व के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (ECAFE) के रूप में युद्ध के बाद के आर्थिक पुनर्निर्माण में सहायता के लिए स्थापित किया गया था। इसका मुख्य जनादेश “एशिया और सुदूर पूर्व के आर्थिक पुनर्निर्माण और विकास के लिए ठोस कार्रवाई को सुविधाजनक बनाने के उपायों में पहल करना और भाग लेना” था।
आर्ट एंड कल्चर
तीन दिवसीय मेगा पर्यटन कार्यक्रम “लद्दाख : नई शुरुआत, नए लक्ष्य” कल से लेह में शुरू हो रहा है
मुख्य विशेषताएं :
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य साहसिक, सांस्कृतिक और जिम्मेदार पर्यटन के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए लद्दाख को एक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देना है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग के हितधारकों को स्वदेशी उत्पादों के बारे में जानकारी उपलब्ध करना तथा देश के बाकी हिस्सों के टूर ऑपरेटरों और खरीदारों के साथ बातचीत करने के लिए स्थानीय हितधारकों को एक मंच उपलब्ध कराना भी है।
- इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में लद्दाख की पर्यटन सुविधाओं और पर्यटन उत्पादों के प्रदर्शन के लिए प्रदर्शनी, पैनल चर्चा, बी2बी बैठकें, तकनीकी पर्यटन और सांस्कृतिक संध्या जैसी गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।
सोशल इशू जल
जल शक्ति मंत्रालय ने आज सौ दिनों के अभियान सुजलाम की शुरुआत की
जल शक्ति मंत्रालय ने आज आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में एक सौ दिनों के अभियान सुजलाम की शुरुआत की।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर अपशिष्ट का जल प्रबंधन करके अधिक से अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस श्रेणी में लाना है।
- इस अभियान के दौरान दस लाख सोक-पिट बनाए जाएंगे।
- इस अभियान का प्रयास कम समय में तेजी से देशभर के गांवों को ओडीएफ प्लस श्रेणी में लाना है। यह अभियान अगले 100 दिनों तक चलेगा।
- अभियान अपशिष्ट जल के प्रबंधन में मदद करेगा।
- यह सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण की गतिविधियों में तेजी लायेगा और ओडीएफ-प्लस गतिविधियों के बारे में जागरूकता पैदा करेगा।
- इस अभियान का उद्देश्य गांव के सभी नये परिवारों की शौचालय तक पहुंच बढ़ाना है।
सोशल इशू हेल्थ
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ० सौम्या स्वामीनाथन ने कहा- कोविड महामारी भारत में स्थानिक रूप में प्रवेश कर सकती है
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोविड महामारी भारत में स्थानिक रूप में प्रवेश कर सकती है। स्थानिक स्थिति वह स्थिति होती है जिसमें आबादी को संक्रमण के साथ ही जीना होता है जहां संक्रमण का फैलाव निम्न और मध्यम स्तर का हो सकता है।
- भारत में निर्मित कोविड रोधी टीके को-वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंजूरी दिये जाने पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि संगठन का तकनीकी विशेषज्ञ समूह को-वैक्सीन की चिकित्सीय क्षमता से संतुष्ट होगा और सितम्बर के मध्य तक इस टीके को मंजूरी मिल सकती है।
- डॉक्टर स्वामीनाथन ने कहा कि 2022 के अंत तक विश्व के देश 70 प्रतिशत तक कोविड टीके लगाने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं और तभी स्थिति सामान्य होने की उम्मीद की जा सकती है।
निधन
शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गेल ओमवेट का सांगली में निधन
- जानी-मानी शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गेल ओमवेट का आज सांगली के कासेगांव में निधन हो गया। वे 81 वर्ष की थीं।
- अमेरिकी मूल की भारतीय विद्वान डॉ. गेल ने अनुसूचित जातियों, महिलाओं के संघर्ष और जाति-विरोधी आंदोलन पर कई किताबें लिखी हैं।
- डॉ. गेल ओमवेट एक विपुल लेखक और एक शक्तिशाली सामाजिक कार्यकर्ता थीं।
- वे, आपातकाल के बाद बढ़ते सामाजिक आंदोलनों के संदर्भ में महात्मा फुले-आंबेडकर की विरासत को सामने लाईं।
- ओमवेट ने अपने पति और कार्यकर्ता भरत पाटनकर के साथ मिलकर श्रमिक मुक्ति दल की स्थापना भी की थी।