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UNESCO द्वारा जारी डिफेंडिंग क्रिएटिव वॉयस रिपोर्ट
- March 26, 2024
- Posted by: Sushil Pandey
- Category: Daily Blogs Free Resources PCS-J Notes Study material
UNESCO द्वारा जारी डिफेंडिंग क्रिएटिव वॉयस रिपोर्ट
चर्चा में क्यों ?
- यूनेस्को ने हाल ही में डिफेंडिंग क्रिएटिव वॉयस नामक एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जो सशस्त्र संघर्षों, राजनीतिक अस्थिरता और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित कलाकारों के लिए सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है.
- यह रिपोर्ट उन खतरों के प्रकाश में आती है जिसका सामना दुनिया भर के कलाकार कर रहे हैं.
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
2021 में, 12 विभिन्न देशों में 39 कलाकारों की हत्या कर दी गई, जबकि 119 को 24 देशों में कैद कर लिया गया.
एक वर्ष में विश्व स्तर पर कलात्मक स्वतंत्रता के 1,200 से अधिक उल्लंघनों की सूचना मिली, जो समस्या की सीमा को दर्शाता है.
कला में काम करने वाले व्यक्तियों को उत्पीड़न, आय हानि, कानूनी अभियोजन, हिंसा, सेंसरशिप और साइलेंसिंग जैसे विभिन्न खतरों का सामना करना पड़ता है.
सशस्त्र संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता और प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियाँ इन कमजोरियों को और बढ़ा सकती हैं.
सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की विविधता पर सम्मेलन 2007 में प्रभावी हुआ और 152 देशों ने संधि की पुष्टि की है. हालाँकि, इनमें से केवल 27% देशों ने कलाकारों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाया या समर्थित किया है.
यूनेस्को ने 25 से अधिक देशों में कलात्मक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं के लिए $1 मिलियन आवंटित किए है.
वित्त पोषण सरकार के नेतृत्व वाली 13 परियोजनाओं और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्रशासित कई अन्य पहलों की सहायता करेगा.
कलाकारों और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो वर्तमान में संघर्ष या प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं.
यूनेस्को (UNESCO)
यूनेस्को (UNESCO) का पूरा नाम (Full Form) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) है, संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है.
इसकी स्थापना 16 नवम्बर 1945 को शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति, विकास और संबंधों को बढ़ावा देना है.
यूनेस्को (UNESCO) ने 1972 में सांस्कृतिक स्थलों और प्राकृतिक क्षेत्रों की विश्व विरासत सूची स्थापित करने का अंतर्राष्ट्रीय समझौता किया.
इसकी स्थापना का मकसद शिक्षा, संस्कृति और विज्ञान के प्रचार-प्रसार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति, विकास और संबंधों को बढ़ावा देना है.
वह साक्षरता बढ़ानेवाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है.