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करंट अफेयर्स
- August 28, 2021
- Posted by: Sushil Pandey
- Category: Current Affairs Daily News Analysis Present Day in News
इकॉनमी
प्रधानमंत्री जन धन योजना
एक वित्तीय समावेशन योजना है यह योजना 28अगस्त , 2014को सुरु हुयी थी
- केंद्र सरकार के प्रमुख वित्तीय समावेशी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन धन योजना के सात वर्ष पूरे हो गए हैं
- यह योजना देश में सभी तक बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से 2014 में 28 अगस्त शुरू की गई थी।
मुख्य बिंदु
- इस योजना के अंतर्गत खाते में शून्य रकम और कम से कम कागजी कार्रवाई के साथ बैंक में खाता खोला जाता है। नकद राशि निकालने और भुगतान करने के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इनके साथ दो लाख रुपये का निशुल्क दुर्घटना बीमा कवरेज दिया जा रहा है।
- इसके अलावा सूक्ष्म बीमा, उपयोग के लिए ओवरड्राफ्ट और सूक्ष्म पेंशन जैसी अन्य वित्तीय सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
- इस योजना से जन धन खातों की संख्या मार्च 2015 में 14 करोड 72 लाख थी जो इस महीने की 18 तारीख तक करीब तिगुनी होकर 43 करोड चार लाख पर पहुंच गई थी।
- लाभार्थियों के खातों में एक लाख 46 हजार करोड रूपये से अधिक की राशि जमा है।
- 55 प्रतिशत जन धन खातेदार महिलाएं हैं
- 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण तथा अर्द्धशहरी इलाकों में हैं।
- अभी तक खाताधारकों को 31 करोड से ज्यादा रूपे डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
RBI दिसंबर तक CBDC की परीक्षण परियोजना शुरू करेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, RBI दिसंबर 2021 तक अपनी डिजिटल मुद्रा का परीक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है।
मुख्य बिंदु
- फिलहाल RBI चरणबद्ध तरीके से अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency – CBDC) लाने पर काम कर रहा है।
- RBI, CBDC पर सावधानी से काम कर रहा है क्योंकि यह RBI के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए एक नया उत्पाद है।
- RBI डिजिटल मुद्रा के विभिन्न पहलुओं का भी अध्ययन कर रहा है और इसकी सुरक्षा के साथ-साथ देश के वित्तीय क्षेत्र पर इसके प्रभाव की जांच कर रहा है।
- मौद्रिक नीति और प्रणाली में मुद्रा पर इसके प्रभाव का भी अध्ययन किया जा रहा है।
- 2021 में किए गए केंद्रीय बैंकों के BIS सर्वेक्षण के अनुसार, वर्तमान में 86% बैंक CBDC की क्षमता की जांच कर रहे हैं। 60% केंद्रीय बैंक प्रौद्योगिकी का परीक्षण कर रहे हैं जबकि 14% पायलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) क्या है?
- CBDC एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है, जो सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती है।
- यह करेंसी पेपर करेंसी नोट का डिजिटल वर्जन है। यह मुद्रा दुनिया के कई देशों में विकसित की जा रही है और कुछ देश इसका परीक्षण कर रहे हैं।
हेल्थ
आयुष विश्वविद्यालय
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश में गोरखपुर में राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।
मुख्य बिंदु
- राज्य सरकार ने आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण का काम पूरा करने की समय सीमा 2023 तय की है।
- 52 एकड़ में फैले इस विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और योग संबंधी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
- इसका बजट दो सौ 99 करोड़ रूपए से ज्यादा रखा गया है। आयुष के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए यह विश्वविद्यालय काफी महत्वपूर्ण होगा।
- राज्य के 98 आयुष कॉलेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होंगे।
- गोरखपुर में पहले से ही एक मेडिकल कॉलेज है और जल्द ही एम्स का उद्घाटन किया जाएगा।
डिफेन्स
पोत विग्रह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चेन्नई बंदरगाह पर आधुनिक भारतीय तटरक्षक पोत विग्रह का जलावतरण किया
मुख्य बिंदु
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चेन्नई बंदरगाह पर आधुनिक भारतीय तटरक्षक पोत विग्रह का जलावतरण किया।
- देश में तैयार सौ मीटर लंबे इस पोत में अत्याधुनिक नेवीगेशन प्रणाली लगी है जो तटीय सीमाओं पर गश्त लगाने के लिए उपयोगी है।
- यह पोत समुद्र में गश्ती जहाजों की श्रृंखला में सातवां है जो आंध्र प्रदेश में विशाखापतनम में रहेगा।
पर्यावरण
ओडिसा सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों के बारे में नई नीति को मंजूरी दी
मुख्य बिंदु
- ओडिसा सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों के बारे में नई नीति को मंजूरी दे दी है।
- मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में कल भुवनेश्वर में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे स्वीकृति दी गई।
- नई नीति का उद्देश्य वर्ष 2025 तक 20 प्रतिशत इलैक्ट्रिक वाहनों को सडक पर लाना है।
- इस नीति के माध्यम से वैश्विक तापमान में कमी लाने में भी योगदान किया जायेगा।
- प्रस्तावित नीति के अंतर्गत विस्तारित वित्तीय प्रोत्साहन देने का भी फैसला किया गया है, जिसमें इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए दिये जाने वाले कर्ज पर ब्याज दर में कमी और पथ-कर तथा पंजीकरण शुल्क माफ किया जाना शामिल है।
सोशल इशू
असम सरकार राज्य में एक हजार आदर्श आंगनवाडी केन्द्र बनायेगी
मुख्य बिंदु
- असम सरकार राज्य में एक हजार आदर्श आंगनवाडी केन्द्र बनायेगी।
- प्रत्येक केन्द्र के निर्माण पर 25 लाख रूपये की लागत आयेगी।
- सरकार का बोको में एक सौ करोड रूपये की लागत से वृद्धाश्रम बनाने का भी इरादा है।
- प्रस्तावित केन्द्र में वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही तस्करी से बचाये गये बच्चों को रखा जायेगा।
- भारत और जर्मनी की नौसेनाओं ने 26 अगस्त, 2021 को अदन की खाड़ी में एक संयुक्त अभ्यास किया।
अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
भारत–जर्मनी ने अदन की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास किया
मुख्य बिंदु
- संयुक्त अभ्यास में हेलीकॉप्टर लैंडिंग के साथ-साथ खोज और जब्ती अभियान शामिल थे।
- भारतीय नौसेना के फ्रिगेट ‘त्रिकंद’ ने ‘बायर्न’ नामक जर्मन फ्रिगेट के साथ अभ्यास किया।
- आईएनएस त्रिकंद को अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए तैनात किया गया है।
अभ्यास का महत्व
इंडो-पैसिफिक डिप्लॉयमेंट 2021 के हिंद महासागर चरण में दोनों नौसेनाओं के बीच अभ्यास ने अंतर-क्षमता को बढ़ाया और समुद्री क्षेत्र में उनके बीच सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की।
भारत–जर्मनी रक्षा संबंध
भारत और जर्मनी की नौसेनाओं ने 2008 में पहली बार संयुक्त अभ्यास का आयोजन किया, जब दोनों देशों ने 2006 में एक समुद्री डकैती-विरोधी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।
जर्मनी की सेना
जर्मनी की सेना को मुख्य रूप से पूर्वी यूरोप की रक्षा के लिए और संचालन के पश्चिमी यूरोप में नाटो के ऑपरेशन का समर्थन करने के लिए संरचित किया गया है। जर्मनी के पास भारत-प्रशांत क्षेत्र में कोई संप्रभु क्षेत्र नहीं है और ब्रिटेन या फ्रांस के विपरीत, इस क्षेत्र में शक्ति प्रक्षेपण में भी असमर्थ है।
भारत–जर्मनी संबंध
यूरोप में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। जर्मनी को भारत का निर्यात मुख्य रूप से कपड़ा क्षेत्र, रासायनिक उत्पादों, धातु और चमड़े के सामान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग उत्पादों और खाद्य पदार्थों पर केंद्रित है। जर्मनी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार वार्ता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता (Bilateral Trade and Investment Agreement – BTIA) कहा जाता है। इसके अलावा, भारत मेक इन इंडिया कार्यक्रम में निवेश करने और योगदान करने के लिए जर्मनी की कंपनियों के लिए एक हॉट डेस्टिनेशन के रूप में कार्य कर सकता है।
सबसे बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना
मालदीव में अब तक की सबसे बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना 1.4 किमी का सिनामाले ब्रिज है, जिसे 2018 में पूरा किया गया था। यह चीनी सहायता के तहत बनाया गया था और माले को हुलहुले और हुलहुमाले से जोड़ता है।
मालदीव में भारत का निवेश
भारत और मालदीव के बीच संपर्क दोनों के बीच प्रमुख भागीदारी पहलू है। साझेदारी को बनाए रखने के लिए, सितंबर 2020 में एक सीधी मालवाहक नौका सेवा शुरू की गई थी जो तूतीकोरिन, कोच्चि, माले और कुल्हफुशी को जोड़ती थी।
इंफ्रास्ट्रक्चर
भारत सरकार ने भारत सीरीज नाम से नया रजिस्ट्रेशन मार्क पेश किया
भारत सरकार ने नए वाहनों के लिए भारत सीरीज के तहत एक नया पंजीकरण चिह्न पेश किया है।
मुख्य बिंदु
- वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा के लिए नया पंजीकरण चिह्न शुरू किया गया था।
- वाहन पंजीकरण के लिए यह नागरिक केंद्रित, आईटी आधारित समाधान गतिशीलता की सुविधा के लिए शुरू किया गया था।
पृष्ठभूमि
सरकारी और साथ ही निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को स्टेशन स्थानांतरण से गुजरना पड़ता है। इससे मूल राज्य से दूसरे राज्य में पंजीकरण के हस्तांतरण के संबंध में कर्मचारियों को समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 47 में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति वाहन को पंजीकृत राज्य के अलावा किसी अन्य राज्य में 12 महीने से अधिक समय तक नहीं रख सकता है। इसके बजाय, 12 महीने के भीतर नए राज्य-पंजीकरण प्राधिकरण के साथ एक नया पंजीकरण किया जा सकता है। इस कठिनाई को ध्यान में रखते हुए, नई BH-श्रृंखला शुरू की गई।
BH श्रृंखला
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा के लिए BH-श्रृंखला की शुरुआत की।
- जब वाहन का मालिक एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होता है तो इस पंजीकरण चिह्न वाले वाहन को किसी नए पंजीकरण चिह्न की आवश्यकता नहीं होगी।
- इस श्रृंखला के तहत वाहन पंजीकरण सुविधा रक्षा कर्मियों, केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों, केंद्र या राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों या संगठनों के लिए स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी, जिनके कार्यालय चार या अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हैं।
- मोटर वाहन कर दो साल के लिए या दो के गुणक में लगाया जाएगा। 14वां वर्ष पूरा करने के बाद यह कर प्रतिवर्ष लगाया जाएगा।
टेक्नोलॉजी
QSim – भारत का पहला क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर टूलकिट
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने भारत का पहला ‘क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर (QSim) टूलकिट लॉन्च किया है।
प्रमुख बिंदु
- QSim भारत में स्वदेशी रूप से विकसित अपनी तरह का पहला टूलकिट है।
- यह क्वांटम कंप्यूटर की मदद से प्रोग्रामिंग के व्यावहारिक पहलुओं को सीखने और समझने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
- इस प्रकार यह भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग अनुसंधान का एक नया युग लाएगा।
- इस टूलकिट को IIT रुड़की, C-DAC और IISc बैंगलोर के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
- इसे MeitY के समर्थन और वित्त पोषण के साथ विकसित किया गया था।
टूलकिट
- इस टूलकिट को शोधकर्ताओं और छात्रों को क्वांटम कंप्यूटिंग में लागत प्रभावी तरीके से शोध करने में सक्षम बनाने के लिए लॉन्च किया गया है।
- यह शोधकर्ताओं और छात्रों को क्वांटम कोड लिखने और डिबग करने की अनुमति देता है जो क्वांटम एल्गोरिदम विकसित करने के लिए आवश्यक है।
- QSim एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाता है जो छात्रों और यूजर्स को वास्तविक क्वांटम हार्डवेयर की प्रोग्रामिंग और डिजाइनिंग का कौशल हासिल करने में मदद करेगा।
QSim की मुख्य विशेषताएं
QSim की सबसे अनूठी विशेषता इसका सहज यूजर इंटरफ़ेस है। यह इंटरफ़ेस एक मजबूत क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर के साथ-साथ एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस आधारित वर्कबेंच के साथ एक एकीकृत तरीके से क्वांटम प्रोग्राम बनाने में मदद करता है।
क्वांटम कम्प्यूटिंग
क्वांटम कम्प्यूटिंग क्वांटम यांत्रिकी की शक्ति का उपयोग करके वर्तमान समय के कंप्यूटरों की तुलना में तेजी से और कुशलता से विभिन्न प्रकार के कार्य करता है। इसका उपयोग क्रिप्टोग्राफी, मशीन लर्निंग और कम्प्यूटेशनल केमिस्ट्री के क्षेत्र में किया जाता है।